गुरुवार, 28 जनवरी 2010

baat

बात
कहने गए थे
जो बात सोचकर कहने
अनकही रह गयी
सब बातों के बाद भी ।
होता है क्यूँ ऐसा
कभी कभी सब बातों के बाद भी
रह ही जाती हैं बातें शेष
कहने ..करने और सुनाने को ...

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