आर्ट्स आडीटोरियम में अन्ना हजारे जी ने कहा कि यूपी और बिहार के लोग मुंबई में जाकर गुंडा गर्दी करते है , और अगर उनका विरोध होता है तो ये उचित है । अन्ना हजारे जैसे सम्मानित एवं प्रबुद्ध व्यक्ति ने ऐसी बात क्यो कहा यह मुझे नही पता है किंतु यह कहा तक शोभा देती है ? मै आन्ना हजारे के बारे में बहुत तो नही जनता लेकिन इतना जरुर जनता था कि वे एक समाजसेवी हैं और उनके द्वारा ऐसी बात अगर बी एच यू जैसी जगह पर कही तो ये पूर्णतः अनुचित है और किसी भी तरह स्वीकार करने योग्य नही है । ये तो हमारी सज्जनता और संस्कृति है जो हमने "अतिथिदेवोभव" को चरितार्थ करते हुए शान्ति एवं सम्मान पूर्वक उन्हें सुना , अन्यथा कुछ भी और अनुचित हो सकता था ।
उन्होंने यहाँ राजठाकरे तथा उनके गुंडों द्वारा किए गए कार्यों को प्रतिक्रिया स्वरुप उचित ठहराने का प्रयास किया , जो राज ठाकरे भी करने में असफल रहे अगर राजठाकरे एवं उनके लोग इतने ही शरीफ है तो क्या अन्ना जी महारास्ट्र में या कही भी उनके खिलाफ एक भी शब्द बोल सकते है जैसा उन्होंने यहाँ कहा ?
welcome to blog world
जवाब देंहटाएंdhanyabad i will try my best
जवाब देंहटाएंआज आपका ब्लॉग देखा... बहुत अच्छा लगा. मेरी कामना है की आपके शब्दों को ऐसी ही ही नित-नई ऊर्जा, शक्ति और गहरे अर्थ मिलें जिससे वे जन सरोकारों की सशक्त अभिव्यक्ति का समर्थ माध्यम बन सकें....
जवाब देंहटाएंकभी फुर्सत में मेरे ब्लॉग पर पधारें;-
http://www.hindi-nikash.blogspot.com
शुभकामनाओं सहित सादर-
आनंदकृष्ण, जबलपुर
हमारी भी शुभकामनायें
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